करंट लगने पर उपचार कैसे करें | current lagne par upchar kaise karen



बिजली का करंट या इलेक्ट्रिक शॉक किसी को भी लग सकता है | हालाँकि मामूली या हल्का झटका लगने से ज्यादा परेशानी वाली बात नहीं होती है लेकिन कभी कभी बिजली का जोरदार झटका लगने से हार्ट अटैक आने की संभावना भी बन जाती है जिसके कारण किसी भी व्यक्ति की मौत हो सकती है | ऐसा हर बार नहीं होता है लेकिन कभी कभी ऐसा हो सकता है |


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करंट लगने से और भी कई प्रकार के शारीरिक दुष्प्रभाव हो सकते है जैसे जलना या छाले हो जाना आदि | बिजली का तेज झटका लगने से दिल और दिमाग पर गंभीर असर हो सकता है | करंट लगने से दिल की धड़कन अचानक बढ़ने लगती है और वेंट्रिकुलर फिब्रेलेशन (ventricular fibrillation) का जोखिम भी बढ़ने लगता है जिसके कारण कार्डीएक अरेस्ट की संभावना बन सकती है |

आज हम आपको बिजली का करंट लगने पर तुरंत राहत देने वाले उपायों के बारे में बताएँगे जिनके द्वारा किसी भी व्यक्ति को इसके बुरे प्रभावों से बचाने के साथ साथ गंभीर स्थिति से भी बचाया जा सकता है | ऐसे कुछ खास उपाय आपके सामने इस प्रकार से है :

करंट लगने के बाद किसी व्यक्ति की मदद करने से पहले उस जगह को ध्यान से देख लेना चाहिए कहीं आप मदद करने के लिए जाएँ और आप भी करंट की चपेट में आ जाएँ| इस्क्लिये सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि बिजली का कनेक्शन बंद कर दिया गया हो | इसके अलावा पानी या लोहे की कोई भी चीज ना छुएँ क्योंकि इन चीजों में करंट बहुत जल्दी पहुँच जाता है | सबसे पहले इमरजेंसी हेल्पलाइन से सम्पर्क करके मदद के लिए कह देना चाहिए |

जो व्यक्ति बिजली के करंट की चपेट में आया है उसे करंट लगने वाली चीजों से दूर कर दें तथा जहाँ बिजली का कनेक्शन है उसे पॉवर ऑफ कर दें या तार को अलग हटा दें | अगर कोई व्यक्ति करंट की चपेट में है तो उसे हाथ नहीं लगायें बल्कि उसे लकड़ी की मदद से अलग करने की कोशिश करें | अगर आपने उसे छु लिया तो उसके साथ आपको भी करंट लगने की संभावना बन सकती है |

व्यक्ति को बिजली के सम्पर्क से अलग करके लेता देना चाहिए तथा उसे किसी एक करवट के बल कर दें | इस अवस्था में उसका एक हाथ सिर के नीचे तथा दूसरे हाथ को आगे की तरफ कर दें साथ ही एक पैर को सीधा कर दें और दूसरे को थोड़ा मोड़ दें | इस अवस्था को रिकवरी पोजीशन कहा जाता है | इसके बाद उसके नाक के पास हाथ लगाकर महसूस करें कि उसमे साँस है या नहीं |

अगर व्यक्ति साँस ले रहा है और बिजली ने उसे जला दिया है तो घाव धोने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है | ऐसे में कभी भी कम्बल का इस्तेमाल करके व्यक्ति को उसमे लपेटना नहीं चाहिए |

उस व्यक्ति को ब्लीडिंग होने पर खून के बहाव को रोकने के लिए उस जगह पर साफ और सुखा कपड़ा बांध कर मदद ली जा सकती है |

करंट लगने के बाद अगर कोई व्यक्ति साँस नहीं ले रहा है या खांसने जैसी कोई प्रक्रिया नहीं कर रहा है तो सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन ) का प्रयोग करके बेहोश व्यक्ति के दिल और फेफड़ों को होश में लाया जा सकता है | अगर व्यक्ति को साँस आ रहा होता है तो सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन ) का प्रयोग नहीं करना चाहिए |

करंट लगने पर इस बात को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि पीड़ित व्यक्ति को उसी समय मेडिकल ट्रीटमेंट करवा कर मदद देनी चाहिए | कई बार व्यक्ति को करंट लगने पर कुछ देर बाद उसकी हालत सामान्य हो जाती है लेकिन उसे एक बार डॉक्टर की सलाह जरुर लेनी चाहिए | डॉक्टर की सलाह अनुसार आप ईसीजी, ब्लड टेस्ट, सीटी स्कैन या एमआरआई जैसे टेस्ट करवा कर अपने स्वास्थ्य की जांच भी करा सकते है |

कभी कभी करंट लगने पर उचित देखभाल नहीं करने से किसी व्यक्ति की जान जा सकती है इसलिए ऐसे मामले में कभी भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए और समय रहते ही उचित इलाज और उपायों द्वारा पीड़ित व्यक्ति की मदद करनी चाहिए ताकि इस घटना से उसको ज्यादा परेशानी ना हो |

 




  

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