क्या
आपने कभी महसूस किया है कि आप कुछ दिनों तक घर से बाहर घूमने या किसी काम से गए और
आपको रातभर अच्छी नींद नहीं आई हो | ऐसा कई बार होता है कि किसी दोस्त या
रिश्तेदार के घर रात को रुक जाते हो लेकिन आप घर जैसी नींद नहीं ले पाते हो |
हाल
ही में हुए शोध के अनुसार इसके पीछे दिमाग के आधे हिस्से का जगा रहना है | जब आप
किसी नई जगह जाते है तो आपका आपके दिमाग का आधा हिस्सा सोता है और आधा जगता है इसी
वजह से आपको भरपूर नींद नहीं आती है | हालाँकि इसके और भी बहुत से कारण है |
आज
हम आपको उन्ही कारणों के बारे में बताएँगे जिनकी वजह से आपको घर से बाहर किसी नई
जगह जाने पर भरपूर नींद नहीं आती है | आइये जानते है इनमे से कुछ प्रमुख कारणों को
जो आपके सामने इस प्रकार से है :
शोध
के अनुसार :
इस
विषय पर हुए अध्ययन के अनुसार पहली रात आप अपने घर सोते हुए भरपूर नींद लेते हो
इसलिए आपके दिमाग का बायाँ हिस्सा दायें हिस्से की तुलना में ज्यादा सक्रिय होता
है | इसलिए अगले दिन जब आप किसी नई जगह जाते हो तो आपको उचित नींद नहीं आने की
समस्या होने लगती है | इस अध्ययन में उन्नत मस्तिष्क इमेजिंग तकनीक की मदद से लगभग
35 लोगो के मस्तिष्क का अध्ययन किया गया था जिन्होंने स्लीप लैब में कई राते
गुजारी थी |
मनुष्य
का दिमाग व्हेल और डॉल्फिन जैसा होने के कारण :
रिसर्च
के अनुसार मनुष्य के दिमाग की गतिविधियों में एक नाटकीय अंतर होता रहता है | यह
प्रक्रिया समुंदरी जीवों की तरह होती है क्योंकि उनके दिमाग का आधा हिस्सा सोते
समय बंद हो जाता है | इस अध्ययन के एक विशेषज्ञ के निष्कर्ष अनुसार मनुष्य के
दिमाग में भी व्हेल और डॉलफिन जैसे एक लघु व्यवस्था हो सकती है |
कुछ
और रिसर्च के अनुसार :
इस
विषय पर हुई भिन्न भिन्न रिसर्च के अनुसार मनुष्य के मस्तिष्क के दोनों हिस्सों के
बीच में जितना ज्यादा अंतर होता है वह व्यक्ति उतना ही कम सोता है या फिर उसे चैन
से सोने में परेशानी होने लगती है |
शोध
के दौरान विशषज्ञों में कुछ लोगो पर इसका परीक्षण करके देखा तो पाया कि ऐसे
व्यक्तियों के दोनों कानो में ध्वनि बजाने पर वे आसानी से जाग गए लेकिन जब उनके
दायें कान के पास ध्वनि बजाई गयी तो उनपर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा |
हालाँकि
इस बात पर पूरी तरह से स्पष्ट करने के लिए वैज्ञानिक शोध में लगे हुए है और जल्दी
ही इस विषय पर कोई नई खोज आपके सामने आ सकती है |
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