किन तरीकों या उपायों से बनते है बेहतर रिश्ते | kin triko ya upayon se bante hai behtar rishte |



किसी भी परिवार की नींव रिश्तों के आधार पर टिकी होती है इसलिए आपसी रिश्ते हमेशा बेहतर और मजबूत होने चाहिए तभी आप किसी भी परेशानी का सामना आसानी से कर सकते हो | एक एकला व्यक्ति हमेशा सारे काम अकेला नहीं कर सकता है उसे कभी ना कभी परिवार या साथियों की जरूरत पड़ती है | इसलिए इन परिवार के सदस्यों और साथ सम्बन्धियों का साथ पाने के लिए आप में संबंध मधुर होने चाहिए | आइये जानते है कि किस प्रकार हम अपने पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों को बेहतर बना सकते है :

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पारिवारिक रिश्तों को कैसे बनाये मजबूत :

जिस तरह से हमें विरासत में धन दौलत या जमीन जायदाद मिलती है उसी प्रकार पारिवारिक रिश्ते भी किसी सम्पति से कम नहीं होते है | इसलिए पारिवारिक रिश्तों में कभी दरार नहीं आनी चाहिए |

घर की बातों को बाहर ना लाये :

अगर घर के किसी सदस्य से अनजाने में या किसी और कारणवश कोई गलती हो जाये तो हर बात पर उसका मजाक नहीं बनाना चाहिए | अपने आप को सबसे समझदार और रोबदार दिखाने के लिए अपने घर या परिवार की बात को समाज के सामने नहीं लाना चाहिए क्योंकि इससे केवल आपके परिवार के उस सदस्य की बदनामी होगी बल्कि आप भी समाज में बेइज्जत होंगे | परिवार में लड़ाई झगड़े का माहौल होने पर सभी सदस्यों को शांति पूर्वक इसका कोई हल निकालना चाहिए |

लोगो के सामने झूठी शान और वाहवाही पाने के लिए कभी भी अपनी पारिवारिक बातों को बाहर नहीं आने देना चाहिए | अगर समाज में आपके परिवार का मजाक बनता है तो आप भी इसी परिवार से जुड़े होते हो | इसलिए कभी भी ऐसी स्थिति नहीं आने देनी चाहिए और किसी अन्य सदस्य को भी ऐसा करने से रोकना चाहिए |

अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाएं :

परिवार में रहते हुए आपकी जिम्मेदारी केवल अपनी इच्छाओं को पूरा करने की नहीं होती है बल्कि आपके परिवार के हर एक सदस्य का ख्याल रखना चाहिए | वर्तमान समय में माता पिता बच्चों को पैदा करके उन्हें मुलभुत सुख सुविधा देना ही अपना कर्तव्य समझते है लेकिन उनकी ड्यूटी यही खत्म नहीं होती है | उन्हें उनकी सुविधाओं के साथ साथ उनके अच्छे बुरे का भी ख्याल रखकर उन्हें हमेशा अपने साथ रखना चाहिए | बच्चो को या परिवार के किसी सदस्यों को सुविधा देने के साथ साथ उनसे बातचीत करके उनके विचार भी जानना आपकी जिम्मेदारी होती है |

जिम्मेदारी से बचने या गलती को छुपाने के लिए झूठ ना बोलें :

संयुक्त परिवार में रहने वाले लोग अक्सर ज्यादातर जिम्मेदारियां दूसरे पर ही डालना पसंद करते है | कभी कभी कोई जिम्मेदारी लेने से बचने या फिर स्वयं को उनसे बढ़िया साबित करने के लिए झूठ बोल देते है | ऐसा करने से परिवार के सदस्यों के आपसी व्यवहार में दरार पड़ने लगती है |

आधुनिक समय में खुद को दूसरे से बेहतर साबित करने के लोग अक्सर झूठ या गलत रस्ते को चुनते है जो परिवारों के टूटने का कारण बन जाता है | कभी भी ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह रूप नकारात्मक होता है जो किसी भी परिवार के लिए अच्छा नहीं हो सकता है | इसकी जगह आपको अपने सोच सकारात्मक रखनी चाहिए क्योंकि इससे आपके परिवार और आपके व्यक्तित्व की झलक दिखती है |

पैसे के सम्बन्ध में आपसी बहस ना करें :

आज के समय में पैसे का दम लोगो के व्यवहार से ज्यादा होने लगा है | अधिकतर लोग तो रिश्ते केवल पैसे का दम देखकर ही बनाते है | आप कही भी चले जाओ, किसी शादी या किसी अन्य फंक्शन में ज्यादातर जगहों पर केवल पैसे वाले लोग ही सम्मान पाते है | हाल ही में ऐसा रिवाज चला हुआ है कि कभी आपके घर पर शादी या अन्य कार्यक्रम होता है और आपका कोई रिश्तेदार उसमे काफी पैसा खर्च कर देता है तो आपको भी उसके कार्यक्रम में इतना ही खर्च करना पड़ेगा नहीं तो आपको उतना महत्व नहीं दिया जायेगा | हालाँकि इस तरह की सोच सभी लोग नहीं रखते है लेकिन ज्यादातर ऐसे ही है | आपको ऐसी स्थिति से बचना चाहिए और पैसे को लेकर आपसी मनमुटाव नहीं करना चाहिए | ऐसे रिश्ते ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं माने जाते है जो पैसे के आधार पर बने हुए होते है |

सभी को अपनी बात कहने का मौका दें :

अगर आप परिवार के बुजुर्गों में आते है तो आपको परिवार के सभी छोटे बड़े सदस्य को अपनी बात कहने का मौका देना चाहिए | हर बार उन्हें अपने फैसले मानने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए | ऐसा करने से परिवार टुकड़ों में बंट जायेगा हालाँकि आपकी साख वैसी ही बनी रहेगी | परन्तु ऐसी साख क्या क्या फायदा जो केवल नाममात्र के लिए होती है क्योंकि अगर आप किसी को कहने सुनने का मौका नहीं देते हो तो आप सही गलत में अंतर नहीं कर पाओगे |

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अगर आप सभी सदस्यों को अपनी बात कहने का मौका देते हो तो शायद उनमे से कोई आपको अच्छी सलाह दे दे | उनकी बात ना सुनकर आप केवल अपनी ही कहते रहोगे तो परिवार और समाज में ईर्ष्या के पात्र बन जाओगे |

ऊपर दिए गए सुझावों से आप अपने पारिवारिक रिश्तों को बेहद मजबूत कर सकते है और समाज की बुराई से अपने परिवार को बचा सकते है | इनके अलावा हम आपको कुछ उपाय और सुझाव बताने जा रहे है जिनसे आप अपने सामाजिक रिश्ते भी मजबूत बना सकते है इनमे से कुछ खास उपाय इस प्रकार से है :

अपने अन्दर ईगो ना आने दें :

ईगो और आत्मविश्वास में बहुत ज्यादा फर्क नहीं होता लेकिन आत्मविश्वास से व्यक्ति समाज में नई ऊंचाई हासिल कर सकता है वही ईगो हावी होने से कही का भी नहीं रहता है | मनुष्य जब स्वयं को सब कुछ समझने लगता है तब उसका ईगो उस पर भरी पड़ने लगता है | ऐसा व्यक्ति समाज या घर परिवार में अपने सामने किसी को कुछ नहीं समझता है | अगर आपमें ईगो का अवगुण है तो इससे समाज में आपका अलग व्यक्तित्व हो जायेगा | कुछ लोग शायद आपके पद और पैसे के कारण आपसे व्यवहार बना भी ले लेकिन आपको कोई सच्चा मित्र नही मिल पायेगा |

 इसलिए आपको अपने अन्दर से ईगो को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि इसके कारण व्यक्ति हमेशा गलत काम करता है और समाज में आपके अनेकों दुश्मन हो जाते है जो आपको व्यक्तिगत या व्यवसायिक नुकसान पहुंचा सकते है | इसलिए हमेशा विनम्र स्वाभाव वाले व्यक्ति बने और हमेशा लोगो से प्यार से पेश आयें |

लोगो की मदद के लिए हमेशा तैयार रहें :

किसी भी व्यक्ति या परिवार को समाज में रहते हुए अन्य व्यक्तियों या परिवारों की जरूरत पड़ती है क्योंकि कोई भी व्यक्ति अकेला उतनी तरक्की नहीं कर पाता है जितना वह समूह में रहकर कर लेता है | समूह से जुड़ने के लिए आपकी किसी की मदद लेनी पड़ती है तथा किसी की मदद करनी भी पड़ती है | इसलिए आप किसी मजबूर या जरूरतमंद की मदद के लिए हमेशा तैयार रहें क्योंकि हो सकता है कभी आपको भी किसी की मदद की जरूरत पड़ जाये | अगर आप ही किसी की मदद नहीं करेंगे तो आपकी मदद भला कौन करेगा | इस तरह से आप एक शानदार व्यक्तित्व वाले व्यक्तियों में भी गिने जायेंगे |

दान देने की नीयत बनायें :

दान देने एक बहुत बड़ा पुण्य होता है जिसका जिक्र ग्रंथो में बहुत बार किया गया है | अक्सर लोग ऐसी सोच रखते हुए किसी की मदद या दान करते है कि इसके बदले में आपको भी जरुर कुछ ना कुछ मिलेगा | आपको ऐसी सोच ना रखते हुए इसे अपना कर्तव्य समझना चाहिए | क्योंकि दान करना आपका कर्तव्य होता है ना कि कोई कमाई का रास्ता |

दान करने और पुण्य पाने के लिए लोग लाखों रूपये खर्च करके भंडारों का आयोजन करते है जहाँ भूखे प्यासे गरीब व्यक्तियों को खाना खिलाया जाता है | कई बार लोग भंडारे पर तो लाखों रूपये लगा देते है लेकिन कभी कभी रस्ते में मिलने वाले किसी गरीब बच्चे या औरत को दो रोटी खिलाने की बजाय मुंह फेर लेते है | उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे भी उन्हें इतना ही पुण्य मिलेगा जितना लाखों रूपये खर्च करके किसी भंडारे के आयोजन से मिलता है | इसलिए आपको भी हमेशा कोई ना कोई पुण्य और दान करते रहना चाहिए ताकि आपको लोगो की दुआएं और आशीर्वाद मिलता रहे |

खुले और दूरगामी विचारों वाले व्यक्ति बने :

खुले विचारों वाले व्यक्ति हमेशा चिंतामुक्त और संतुष्ट रहते है और रोजाना अपनी सोच और विचारों का विस्तार करते है | कुछ उलझे हुए लोग अपने जिंदगी हमेशा दूसरों को समझने में बीता देते है कि कोई व्यक्ति उनके लिए कुछ ना कुछ गलत कर रहा है | उन्हें शायद इस बात का अंदाजा ही नहीं होता है कि वर्तमान समय में सब अपने कामों में इस तरह से व्यस्त है कि उन्हें किसी दूसरे के बारे में सोचने की फुर्सत ही कहाँ है | इसलिए व्यर्थ की चिंता छोड़कर खुले और दूर की सोचने वाले व्यक्ति बने ताकि आपके विचार समाज के काम आ सके और आपकी प्रतिष्ठा भी बढ़ा सकें |

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दूसरों का सम्मान करे और स्वयं भी सम्मान पायें :

कई बार पैसे का घमंड होने के कारण लोग गरीबों को उतना सम्मान नहीं देते जितना अपने बराबर की हैसियत रखने वालों को देते है | ज्यादातर दफ्तरों में बड़े पद पर काम करने वाला कोई ऑफिसर अपने जूनियर को सम्मान नहीं देता और उससे बेहद गलत व्यवहार से पेश आता है | इस तरह की सोच होना हमेशा ही गलत होती है क्योंकि जब आपको किसी व्यक्ति का सम्मान करना नहीं आता तो आप सम्मान किससे लोगे | जब आप किसी को इज्जत देना ही नहीं जानते तो आपको समाज से भी कोई इज्जत नहीं मिलती है | इसलिए कोई छोटा हो या बड़ा, अमीर हो या गरीब हमें सभी का सम्मान करना चाहिए | अगर हम किसी को सम्मान देते है तो बदले में दोगुना सम्मान हासिल करते है |

इस प्रकार से कहा जा सकता है कि अगर आप अपने व्यवहार में थोड़ी सी नरमी लायेंगे तो समाज में एक कामयाब और प्रतिष्ठित व्यक्ति की छवि हासिल करने में सफल हो पाएंगे |

ऊपर दिए गए विचारों और सुझावों से आप आपने पारिवारिक और सामाजिक रिश्तो को सदृढ़ बनाने में कामयाब हो सकते है |






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