सामान्य
उम्र में शादी हो जाना आम बात है लेकिन अगर किसी की शादी की उम्र निकलने के बाद
उसके शादी के संयोग बने तो उसे शादी से पहले स्वास्थ्य सम्बन्धी जांच जरुर करा
लेनी चाहिए ताकि उसे अपने स्वास्थ्य का सही ज्ञान हो सके |
मैच्योर
होने के बाद शादी करने से पहले पुरुष और महिला दोनों को अपने स्वास्थ्य सम्बन्धी
जाँच कराकर अपने जीवन में होने वाली समस्याओं के प्रति सचेत रहना चाहिए | अगर आप
ऐसा करते है तो आपको अपने शरीर पर बिमारियों से होने वाले प्रभावों का उपचार करने
में मदद मिल सकती है |
विशेषज्ञों
के अनुसार कपल्स को हर साल अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए इस तरह के परीक्षण
या चेकअप करवाने चाहिए ताकि स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का पहले ही पता करके उनसे
निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहे | ऐसा करने वाले व्यक्तिय लगभग 90 %
बिमारियों का इलाज स्वयं ही करने में सक्षम होते है और आजीवन स्वस्थ भी रहते है |
तनाव
की समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी ये चेकअप बहुत जरूरी है क्योंकि व्यक्ति बिना
कारण ही अनेको बिमारियों से भयभीत होकर तनावग्रस्त रहने लगते है | मेडिकल चेकअप
करवाने से उनका डर दूर हो जाता है और तनाव भी खत्म हो जाता है |
आइये जानते है कि हमें मैच्योर अवस्था में शादी
से पहले कौन से मेडिकल चेकअप कराने चाहिए :
उम्र
सम्बन्धी चेकअप :
कम
उम्र या ज्यादा उम्र होने पर शादी से पहले उम्र का चेकअप करवाना बहुत फायदेमंद
रहता है | लड़कियों के लिए यह परीक्षण और भी जरूरी होता है उन्हें ओवेरियन का चेकअप
करवाना चाहिए | महिलाओं में लगभग 35 वर्ष की उम्र तक बच्चे को जन्म देने क्षमता
बहुत ज्यादा होती है लेकिन इसके बाद अवसर कम होने लगते है | इसलिए सही समय पर
परीक्षण करवाने से बाद में होने वाली समस्या से बचा जा सकता है |
संतान
पैदा करने की क्षमता की जांच :
कपल्स
को शादी से पहले ही प्रजनन परीक्षण करवाना चाहिए | इससे उन्हें शादी से पहले ही इस
बात का पता लग जायेगा कि जिसके साथ आप शादी करके घर बसाने जा रहें है उनमे संतान
पैदा करने और वंश चलाने की क्षमता है या नहीं | अगर बिना परीक्षण शादी की जाये और
बाद में ऐसी समस्या हो तो परिवार में तालमेल बनाना बहुत मुश्किल सा हो जाता है |
एसिडिटी
की समस्या की जांच :
सेक्सुयली
ट्रांसमिटेड बीमारियाँ इसी तरह की बिमारियों होती है जो पार्टनर से आपको भी हो
सकती है | एसिडिटी की समस्या भी इन्ही में गिनी जाती है | इसलिए शादी से पहले
परीक्षण करवा लेना चाहिए की पार्टनर या आपको एसिडिटी की समस्या तो नहीं है | अगर
ऐसी समस्या है तो पहले इसका उपचार करके ही शादी करनी चाहिए अन्यथा आपको और आपके
पार्टनर को इससे परेशानी होने लगती है |
खून
सम्बन्धी समस्याओं की जाँच :
खून
सम्बन्धी समस्या होने के कारण नवजात शिशु की जन्म के समय ही मृत्यु हो सकती है तथा
दूसरी संतान भी बड़ी मुश्किल से ही पैदा की जा सकती है| खून सम्बन्धी रोगों में हीमोफीलिया
या थेलास्सिमिया नामक रोग बहुत गंभीर होता है| इस जाँच में Rh फैक्टर के नेगेटिव
और पॉजिटिव होने का भी पता किया जाता है | इसलिए किसी भी प्रकार की समस्या से बचने
और स्वस्थ रहने के लिए खून सम्बन्धी जांच आवश्यक है |
आनुवंशिक
जांच :
जेनेटिक
टेस्ट से अनुवांशिक सम्बन्धी बिमारियों का आसानी से पता किया जा सकता है | इस जांच
से आपको अपने या अपने पार्टनर के किसी रोग से पीड़ित होने का पता चल जाता है | किसी
परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी से चली आ रही बीमारियाँ इस तरह के टेस्ट से पता की जा
सकती है | महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का पता भी इसी जांच से आसानी से किया जा सकता
है | इस जांच को परिवार की मेडिकल हिस्ट्री के नाम से भी जाना जाता है |
इस
प्रकार से हम कह सकते है कि शादी से पहले या बाद में भी इन पांच मेडिकल टेस्ट से
कपल्स को अपनी बिमारियों का पता लग जाता है जिससे वे इनका उपचार आसानी से कराकर
अपना जीवन खुशहाल बना सकते है | आप भी शादी से पहले ये टेस्ट कराकर लाभ ले सकते है
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