कमाई के मामले में महिलाएं पुरुषों से पीछे क्यों है | kamai ke mamle me mahilayen purushon se peeche kyon hai



आज के युग में महिलाओं ने लगभग हर क्षेत्र में अपने मेहनत के दम पर एक अलग पहचान बनाई है | मुश्किल से कोई कुछ ही क्षेत्र बचे होंगे जिनमे महिलाओं का प्रदर्शन ज्यादा बढ़िया नहीं रहा है | इतनी मेहनत और कठोर परिश्रम करने के बाद भी कमाई के मामले में महिलाएं पुरुषों से काफी पीछे है |

mahilayen kyo kamati


आज हम आपको इस विषय से सम्बंधित कुछ जानकारी बताएँगे जिससे आपको पता चलेगा कि ज्यादा मेहनती होने के बावजूद महिलाएं पुरुषों से कम क्यों कमाती है | आइये जानते है इस बारे में कुछ ख़ास बातें जो आपके सामने इस प्रकार है :

घर का अतिरिक्त भार :

महिलाओं के कंधे पर ही घर के सभी काम-काजों की जिम्मेदारी रहती है साथ ही उन्हें बच्चो का पालन पोषण भी करना पड़ता है | भारत देश में इस तरह की परम्परा प्राचीन समय से ही चली आ रही है कि पुरुष घर से बाहर जाकर घर चलाने के लिए आवश्यक सामग्री कमा कर लायेगा और स्त्री को घर की चारदीवारी की सभी जिम्मेदारियां निभानी होती है |


हालाँकि महिलाएं हर मामले में पुरुषों से ज्यादा मेहनत करती है फिर भी उनकी आय पुरुषों के मुकाबले लगभग तीन गुना कम है | इसके अलावा महिलाओं को रोजगार पाने और करियर बनाने के लिए भी अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ता है | घर की जिम्मेदारी का अतिरिक्त भार होने के कारण वे अपने करियर के लिए ज्यादा प्रयास नहीं कर पाती है इसलिए पुरुष उनसे आगे निकल जाते है |

बच्चों की जिम्मेदारी होने के कारण :

महिलाओं को ही शादी के बाद बच्चे पैदा करने और उनको पालने की जिम्मेदारी लेनी पड़ती है | अगर कोई कामकाजी महिला है तो उसको नौकरी और परिवार दोनों में से किसी एक को चुनना पड़ता है जिसके कारण उसको नौकरी कुछ समय के लिए छोड़नी पड़ती है | एक सर्वे के अनुसार मैरिड महिलाएं जिन्हें बच्चों की जिम्मेदारी लेने पड़ती है उनकी कमाई 68 % होती है जबकि जिनके बच्चे नहीं होते है उनकी कमाई लगभग 74 % होती है |


संतुष्ट होने के कारण :

हाल ही में पब्लिश हुई एक रिपोर्ट के अनुसार महिलाएं पुरुषों की तुलना में पैसे सम्बन्धी विषय पर ज्यादा संतुष्ट रहती है | महिलाएं कम कमाई होने पर भी पूर्ण संतुष्टि का भाव दिखाती है जबकि पुरुष अधिक कमाई होने पर भी बैचैन से दिखते है | महिलाओं की कमाई कम होने का यह मतलब नहीं है कि महिलाएं कम मेहनती होती है बल्कि महिलाएं ऑफिस की बजाय घर में बच्चो का पालन पोषण में ज्यादा समय लगाती है | इसलिए उनकी कमाई पुरुषों से कम होती है |


अच्छा माहौल नही मिलने से :

मॉडर्न समय म ज्यादातर कम्पनियों में पुरुषों की संख्या बहुत अधिक है और उनमे उच्च पदों पर कार्यरत ऑफिसर्स भी पुरुष ही होते है | इस तरह की जगहों पर जब महिलाएं काम करने जाती है तो पुरुषों की तरह से उन्हें ना तो सम्मान की नजरों से देखा जाता है और ना ही उन्हें काम करने के लिए उचित माहौल मिल पाता है | इस तरह की जगह पर काम करने में महिलाओं को परेशानी महसूस होने लगती है जिसकी वजह से या तो वे काम छोड़ देती है या उसे जगह को बदल देती है | इस तरह से बार बार कम्पनी बदलने से उनकी आय पर भी प्रभाव पड़ने लगता है जिसमे उनकी गलती ना होने के बाद भी नुकसान उन्हें ही उठाना पड़ता है |

आत्मविश्वास में कमी होने के कारण :

हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार महिलाओं में आत्मविश्वास की कमी होने के कारण किसी पद के लिए किये गए आवेदन पर उनका चुनाव पुरुषों की तुलना में बहुत कम होता है | अगर किसी महिला का चुनाव हो जाता है तो समान काम के लिए पुरुषों को ज्यादा वेतन ऑफर किया जाता है जबकि महिलाएं उनसे कम वेतन में उस काम को करने के लिए अपनी सहमति दे देती है |

हालाँकि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से ज्यादा मेहनत करती है लेकिन फिर भी पुरुष प्रधान समाज में उन्हें पुरुषों से कम ही माना जाता है | इसी के कारण उन्हें घर और बाहर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसके कारण उनका आर्थिक शोषण भी हो रहा है | फिर भी किसी न किसी दिन महिलाएं अपनी मेहनत और प्रयासों से अपना सही मुकाम हासिल करने से सफलता हासिल कर लेंगी |


ऊपर दिए गए कारणों से पता चलता है कि महिलाएं ज्यादा कम करने के बाद भी पुरुषों से कम कमाती है इसमें ज्यादातर श्रेय पुरुषों को ही जाता है | पुरुषों को महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार करने की बजाय उन्हें अपने साथ लेकर चलना चाहिए तथा उनकी उन्नति में भी उनको सहारा देना चाहिए ताकि एक विकसित और शक्तिशाली राष्ट्र की निर्माण किया जा सकें |

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